Vedshree

Add To collaction

प्रेरक कहानियां - पार्ट 66

इसीलिए कहते हैं अच्छे कर्म करें


एक बार तैलंगस्वामी को तंग करने के इरादे से एक व्यक्ति ने दूध के बदले चूना घोलकर एक पात्र में रख दिया। स्वामीजी ने दूध का पात्र देखा और चुपचाप उसे पी लिया।

उस व्यक्ति ने सोचा जल्द ही चूना अपना असर दिखाएगा। लेकिन इसका उल्टा हुआ स्वामीजी को तो कुछ न हुआ, बल्कि उस व्यक्ति का जी मचलने लगा।

वह व्यक्ति स्वामी जी के चरणों में गिर गया। और अपनी गलती की माफी मांगने लगा। तब स्वामी जी ने कहा, 'चूने का पानी भले मैनें पिया हो लेकिन असर तुम्हें भी हुआ क्योंकि इसका एक ही कारण है और वो है कि हम दोनों के शरीर में एक ही आत्मा का वास है। यदि आप दूसरे को कष्ट पहुंचाएगें तो वो कष्ट आपको भी भोगना होगा।'

संक्षेप में

हमें दूसरों को कष्ट नहीं देना चाहिए ऐसा करने पर कभी न कभी, कहीं न कहीं यही कष्ट आपको भोगने पड़ते हैं।

   0
0 Comments